
पानीपत। हरियाणा के पानीपत जिले के सोनौली चौके के पास की है, जहां एक 24 साल मुस्लिम नौजवान से धार्मिक टोपी पहनने को लेकर झगड़ा हो गया. इसके बाद आरोपियों ने युवक के पर वार कर बेरहमी से हत्या कर दी. इस घटना के के बाद इलाके में सनसनी फैल गई. मौके से गुजर रहे राहगीरों ने युवक को आनन फानन में अस्पताल में भर्ती कराया.पीड़ित मुस्लिम युवक की पहचान फिरदौस आलम उर्फ असजद बाबू के रुप में हुई है. फिरदौस की बीते 6 माह पहले शादी हुई थी. इस घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया. इस मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इलाके में पुलिस अलर्ट हो गई है। मिली जानाकारी के मुताबिक, फिरदौस आलम उर्फ असजद बाबू घटना वाले दिन शनिवार (24 मई) को दोस्तों से मिलकर लौट रहे थे. इसी दौरान आरोपी नरेंद्र उर्फ शिशु लाला ने फिरदौस आलम के सिर पर लगी हुई टोपी को जबरन निकाल कर फेंक दिया. आरोपी की इस हरकत पर फिरदौस आलम शांत रहे और जमीन से टोपी उठाकर दोबारा वापस पहन ली.इसके बाद नरेंद्र ने फिर वही हरकत दोहराई, इस बार जब मुस्लिम युवक दोबारा अपनी टोपी उठाने के लिए झुका तो इस बात से नरेंद्र कापी नाराज हो गया. नरेंद्र ने फिरदौस आलम के सिर पर वार कर दिया. सिर पर चोट लगने की वजह से फिरदौस आलम तुरंत बेहोश हो गए. मौके से गुजर रहे कुछ राहगीरों ने आनन फानन में फिरदौस आलम को रोहतक अस्पताल में भर्ती कराया. हालांकि, यह चोट इतनी गंभीर थी कि अगले दिन उनकी मौत हो गई.घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया और आगे की जांच में जुट गई है. पुलिस ने आरोपी नरेंद्र उर्फ शिशु लाला को गिरफ्तार कर लिया है और उसके पास से वारदात में इस्तेमाल किए गए डंडे को भी बरामद कर लिया है. कल सोमवार को पुलिस ने पूछताछ के बाद कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. फिरदौस आलम की हत्या के बाद स्थानीय मुसलमानों में काफी दहशत है. मृतक के जानने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि “फिरदौस आलम बहुत सज्जन और शरीफ थे, वह सबसे बहुत हंसकर मिलते थे. वह अपना काम के घर चले जाते थे.” सियासत में छपी खबर के मुताबिक, मृतक फिरदौस ने एक करीबी ने बताया कि फिरदौरस की कभी किसी से कोई लड़ाई-झगड़ा या बहस नहीं हुई, न ही उसकी किसी बात को लेकर किसी से दुश्मनी थी. फिर भी उसे मार दिया गया.” उन्होंने आगे कहा, “फिरदौस आलम को सिर्फ इसलिए निशाना बनाया गया, क्योंकि वह एक मुसलमान थे।