देवास ।मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सरोजनी जेम्स बेक ने बताया कि वर्षाकाल में डेंगू जैसे- लक्षणों के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। अन्य वाहक जनित रोगों जैसे-मलेरिया, चिकनगुनिया आदि के भी इस मौसम में बढने की संभावना बनी रहती है। मच्छरों के कांटने से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए जिले के नागरिक अपने घर के सिंक, गमले, हौज आदि में साफ-सफाई के साथ घरों की छतों पर अटाला या गंदगी न होने दें, डेंगू फैलाने वाले मच्छर रूके हुए पानी में पनपते है। मच्छरों के काटने से बचने के लिए लंबी बाजू के कपड़े और मोटे पैंट, मौजे और सुरक्षित जूते पहनें। बाहर रखे अनावश्यक रखे बर्तनों को खाली करें, अपने पालतू जानवर के पानी के कटोरे को साफ करें और बदलें, अपने घर के अंदर किसी भी पानी के पौधे को रखने से बचें, सुनिश्चित करें कि पानी से भरा हुआ हर बर्तन ढका हुआ हों। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ रश्मि दुबे ने बताया कि डेंगू के सामान्य लक्षण तेज बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों या जोड़ों में दर्द, जी मचलाना, उल्टी, आँखों में दर्द, विभिन्न अंगो में सूजन है और डेंगू के गंभीर लक्षणों में गंभीर पेट दर्द, लगातार उल्टी होना, मसूड़ों या नाक में खून आना, तेजी से सांस लेना, थकान/बैचेनी, त्वचा के नीचे ब्लीडिंग होना है। इनमें से दो या अधिक लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। कई बार प्लेटलेट्स कम होने पर यह बुखार खतरनाक हो जाता है। मरीज की जान भी जा सकती है। गंभीर मामलों में गंभीर रक्त स्त्राव और शॉक सिंड्रोम लगता है, जिससे जान को खतरा हो सकता है।
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