आशीर्वाद के बैनर तले राजेश विक्रांत की पुस्तक आमची मुंबई–2 का विमोचन

मुंबई। महानगर की अग्रणी साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था “आशीर्वाद” द्वारा आयोजित लेखक एवं वरिष्ठ पत्रकार राजेश विक्रांत की नई पुस्तक “आमची मुंबई-2” का विमोचन समारोह शुक्रवार 20 जून की शाम को गोरेगांव के अजंता पार्टी हॉल में आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ल ने कहा कि मैं राजेश विक्रांत जी की लेखन प्रतिभा से दोपहर का सामना के शुरू के दिनों से परिचित हूँ। आमची मुंबई भाग 1 के बाद ये पुस्तक मुंबई के सभी पक्षों को उजागर करती है। मुंबई के बारे में जानने में यह पुस्तक काफी मददगार होगी। संतोष कुमार झा (अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक: कोंकण रेलवे), सुप्रसिद्ध अभिनेता विष्णु शर्मा, भुवेंद्र त्यागी ( संपादक: दैनिक भास्कर),आशीर्वाद के निदेशक डॉ उमाकांत बाजपेयी, अध्यक्ष बृजमोहन अग्रवाल, अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन, ठाणे के अध्यक्ष सुभाषचंद्र अग्रवाल, श्री सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष आचार्य पवन त्रिपाठी, वरिष्ठ साहित्यकार ह्रदयेश मयंक, मुंबई लोकल’ तथा ‘महाराष्ट्र बलिदानों की धरती’ के रचनाकार तथा मुंबई पर 1500 से अधिक लेखों के सर्जक विमल मिश्र, 6 उपन्यासों समेत 10 किताबों के लेखक,चार राज्य साहित्य अकादमी पुरस्कार व उर्दू उपन्यास रोहज़िन के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता रहमान अब्बास, वरिष्ठ क्राइम रिपोर्टर व डॉयल 100 स्तंभ फेम सुनील मेहरोत्रा, विवेक अग्रवाल (मुंबई क्राइम पर कुल 23 पुस्तकों के लेखक), हरि मृदुल (कहानियों व लघुकथाओं में मुंबई के जनजीवन को साकार करने वाले साहित्यकार तथा नवभारत टाइम्स के ‘आमची मुंबई’ के स्तंभकार, टीवी पत्रकार व मुंबई पर दो पुस्तकों के लेखक जीतेन्द्र दीक्षित, शराफत खान (‘दहशत का अनसुना इतिहास: बॉम्बे के डॉन’ फेम), नितीन सालुंखे (‘अज्ञात मुंबई’ तथा ‘अज्ञात मुंबई-2’ फेम) ने पुस्तक का विमोचन किया। इसके पहले संतोष कुमार झा को आशीर्वाद राजभाषा रत्न पुरस्कार प्रदान किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत से पूर्व दिग्गज मराठी क्राइम रिपोर्टर प्रभाकर पवार (मुंबई क्राइम पर कुल 9 पुस्तकों के लेखक) ने लेखक राजेश विक्रांत को शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि इसमें मुंबई के इतिहास, संस्कृति, साहित्य, सामाजिक जीवन, अपराध पर विशिष्ट पुस्तकों/ लेखों/ उपन्यासों के लेखक विशेष अतिथियोंने अपनी रचना प्रक्रिया, लेखन व अपनी पुस्तकों से जुड़े अनुभव बांटे। ह्रदयेश मयंक ने मुंबई के साहित्यिक परिदृश्य का परिचय दिया, विमल मिश्र ने मुंबई महानगर को रचनात्मक प्रेरणा की भूमि कहा तो हरि मृदुल की राय में मुंबई धर्मवीर भारती, शैलेश मटियानी आदि साहित्यकारों की रचनात्मक सरजमीं है। रहमान अब्बास ने अपने उपन्यास रोहजिन के मुंबई से रिश्ते को रेखांकित किया तो जीतेन्द्र दीक्षित ने अपने उपन्यास बॉम्बे-3 की चर्चा की। आचार्य पवन त्रिपाठी ने आजादी की लड़ाई में मुंबई का योगदान पुस्तक की रचना प्रक्रिया साझा की। प्रमुख अतिथियों में भुवेंद्र त्यागी का सारगर्भित वक्तव्य काफी सराहा गया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में आमची मुंबई के सभी रंग उपस्थित हैं। विष्णु शर्मा ने आमची मुंबई से अपने खास रिश्ते को रेखांकित किया। संतोष कुमार झा ने अपनी कविताओं से श्रोताओं का मन मोह लिया। अतिथियों का स्वागत आशीर्वाद की सहनिदेशिका नीता बाजपेयी, विकलांग की पुकार के कार्यकारी संपादक विकलांग की पुकार के कार्यकारी संपादक सरताज मेहदी, कथाकार संगीता बाजपेयी, साहित्यकार डॉ जे पी बघेल ने किया। इस कार्यक्रम में भारत पब्लिकेशन की निदेशक कमर जबीं, डिजाइनर भालचंद्र मेहेर व वरिष्ठ पत्रकार शिवपूजन पांडेय का सम्मान किया गया। साहित्य संगम संस्थान के कवि राम सिंह, पत्रकारिता कोश के संपादक आफताब आलम व समाजसेवी विनोद मिश्र ने लेखक राजेश विक्रांत का सम्मान किया। कार्यक्रम का संचालन कवि, साहित्यकार देवमणि पांडेय ने किया आभार प्रदर्शन राजेश विक्रांत ने किया। इस कार्यक्रम में पूर्व उपशिक्षण अधिकारी अशोक मिश्रा, डॉ हरिप्रसाद राय, शत्रुघ्न प्रसाद, अलका अग्रवाल सिगतिया, रानी अग्रवाल, डॉ जितेंद्र पांडेय, डॉ भालचंद्र तिवारी, अमर त्रिपाठी, महेश दुबे, राकेश दुबे, शैलेन्द्र श्रीवास्तव, मनीषा गुरव, तुलसीदास भोईटे, जीतसिंह चौहान, डॉ नीलिमा पांडेय, संगीता तिवारी आसमां, नामदार राही, गुलशन मदान, डॉ नरोत्तम शर्मा, ओम व्यास, प्रदीप गुप्ता, संजय अमान, इंद्रदेव पांडेय, पंकज सिंह, शिरीष उपाध्याय, लालचंद तिवारी, डॉ वीरेंद्र मिश्र, चंद्रकांत दुबे, विनय शर्मा दीप, अनिल कुमार राही, रवींद्र दुबे, लक्ष्मीकांत कमल नयन, संस्कृति दुबे, अजय शुक्ल बनारसी, राजीव रोहित, शरद नानल, प्रेम अग्रवाल, कमर हाजीपुरी, पवन सक्सेना, त्रिलोचन सिंह अरोड़ा, आदित्य दुबे, राजकिशोर तिवारी, राकेश कुमार तिवारी, नीतू पांडेय क्रांति, गजानन महतपुरकर, मनोरमा त्रिपाठी, डॉ आलोक धर द्विवेदी, डॉ नीता धर द्विवेदी, शुभम तिवारी, रीमा राय सिंह, शर्मिला मिश्र, अनुपम मिश्र, आस्था मिश्र, देवांशी मिश्र, गिरिजेश कुमार ओझा, गुड्डू पाठक, श्रीधर मिश्र आत्मिक, ओमप्रकाश तिवारी, रवि प्रकाश सिंह, लक्ष्मी यादव, संतोष पांडेय, एड राजीव मिश्र मधुकर, प्रेम चौबे, एस एन सिंह, अखिलेश मिश्र, अल्ताफ आलम, राम कुमार, डॉ महिमा, कुमुद त्रिपाठी, जाफर शेख, धर्मेंद्र पांडेय, संजय सिंह निर्जल, त्रिभुवन दुबे, राज कुमार मिश्र, राजू मिश्र कविरा, आनंद मिश्र, कैलाश तिवारी, देवांश मिश्र, अशोक मिश्र, समीउल्लाह खान, अनिल त्रिपाठी कड़क, नीलेश पाठक, हीरेन्द्र झा, श्रुति भट्टाचार्य समेत साहित्य, पत्रकारिता व संस्कृति जगत के मशहूर हस्ताक्षर मौजूद रहे।बता दें कि मुंबई पर अब तक राजेश विक्रांत के कार्यों में “मुंबई माफिया: एक एनसाइक्लोपीडिया” ( श्री प्रभाकर पवार की मराठी पुस्तक का हिंदी अनुवाद- 2012), “आमची मुंबई”- 2019, “आजादी की लड़ाई में मुंबई का योगदान” ( आचार्य पवन त्रिपाठी के साथ सह लेखन- 2022), “स्वातंत्र्य लढ्यातील मुंबईचे योगदान”( आचार्य पवन त्रिपाठी के साथ सहलिखित पुस्तक का सुश्री पल्लवी शिंदे- माने, मैडिसन, विस्कॉन्सिन, अमेरिका द्वारा मराठी में अनुवाद- 2024) तथा “मुंबई और हिंदी” ( डॉ दीनदयाल मुरारका के साथ सह लेखन) और ‘आदिज्ञान’ (संपादक: जीतसिंह चौहान, संस्कृति-साहित्य की शीर्षस्थ त्रैमासिकी का जुलाई 2024-जून 2025) के ‘मुंबई का कोली समुदाय विशेषांक’ का संयोजन और अतिथि संपादन शामिल है। इन महत्वपूर्ण कार्यों के लिए उन्हें महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के राज्य स्तरीय जीवन गौरव सम्मान छत्रपति शिवाजी महाराज राष्ट्रीय एकता पुरस्कार- 2024-25 से सम्मानित किया गया है। आमची मुंबई- 2 का प्रकाशन भारत पब्लिकेशन, मुंबई द्वारा किया गया है। 424 पृष्ठों की इस पुस्तक का मूल्य 750 रुपए है।

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