
विद्यार्थियों के साथ नगर पुलिस अधीक्षक ने बनायी मिट्टी की भगवान गणेश की प्रतिमा
देवास। प्यारे बच्चों प्रकृति आपकी है हम लोगों ने उधार ली है, हमें इसे आपको वापस करना है। हमने प्लास्टर ऑफ पेरिस का इस्तेमाल करके गलती है। हम संकल्प लेते हैं यह खूबसूरत प्रकृति को आपको वापस करेंगे । जैसा ईको सिस्टम हमने किताबो में पढ़ा है , आप पढ़ रहे हैं वैसा हमें अब नहीं मिल रहा है। प्रकृति से छेड़छाड़ कर कई प्रजातियां हमने खो दी है। मिट्टी के गणेश से हम शुरुआत कर रहे हैं पुनः हमारी खूबसूरत प्रकृति की ओर लौटने की। हम संपूर्ण पुलिस परिवार में मिट्टी के गणेश के प्रतिमा की स्थापना हो ऐसा प्रयास करेंगे। उक्त उदगार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जयवीर सिंह भदोरिया ने मिट्टी की गणेश प्रतिमा निर्माण कार्यशाला में अपने उद्बोधन में व्यक्त किये।


इनोवेटिव पब्लिक स्कूल, होली एंजेल्स स्कूल, जेम्स एकेडमी स्कूल के बच्चों के साथ मेरे गणेश मिट्टी के गणेश कार्यशाला में उपस्थित होकर बतौर मुख्य अतिथि ए एस पी जयवीर सिंह भदोरिया ने मिट्टी की गणेश प्रतिमा का निर्माण किया। साथ ही विशेष अतिथि के रूप में नगर पुलिस अधीक्षक बीएनपी संजय शर्मा एवं सिविल लाइन थाना टी आई हितेश पाटील ने मिट्टी की गणेश प्रतिमा का निर्माण कर विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम संयोजक ऋचा दुबे ने रुद्राक्ष की माला व गंगाजल भेंटकर सभी अतिथियों का स्वागत किया। ज़10 मिनट में तैयार होने वाली प्रतिमा को देखकर सभी अतिथियों ने 9 वर्ष से जारी कार्यक्रम मेरे गणेश मिट्टी के गणेश की सराहना की व मिट्टी की उपलब्धता से लेकर निर्माण, प्रशिक्षण , वितरण संबंधी समस्त जानकारी प्राप्त की एवम प्रदर्शनी का अवलोकन किया। साथ ही आश्वस्त किया कि वे अभियान का हिस्सा बनकर कार्यक्रम को आगे बढ़ाएंगे। कार्यक्रम संयोजक आदित्य दुबे ने मिट्टी की गणेश प्रतिमा भेंटकर सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।

कार्यशाला में सिमरन खान, राहत अली शाह, संध्या प्रजापति, श्वेता सोलंकी, सिरजिमा मंसूरी, अल्फेज खान, कासिम खान, पीयूष मालवीय, आरित खान, आरुषि जायसवाल, साक्षी शर्मा, व अन्य विषयर्थियो द्वारा बनाई गई प्रतिमाएं बहुत ही सुंदर वह आकर्षक रही।सम्पूर्ण कार्यक्रम संचालन में सदाकत अली, नीता मिश्रा, आमेंला खान, पवित्रा विश्वकर्मा, पलक जोशी, रानु मालवीय, सोनाली पुष्पद, मीनाक्षी पाठक, आर्यमन दुबे, आद्या दुबे, मानसी चौहान, हर्षिका सोलंकी, मयंक विश्वकर्मा का सराहनीय योगदान रहा।