
देवास । श्रावण शुक्ल पंचमी को चरक जयंती के रूप में मनाई जाती है, अमलतास इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में पूरे उत्साह के साथ मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और भगवान धन्वंतरि जी एवं आयुर्वेदीय संहिता पूजन, चरक यज्ञ, से हुई।कार्यक्रम में चरक शपथ और चरक संहिता का पाठन भी हुआ, जिसमें लगभग 100 छात्रों और अध्यापकों ने भाग लिया। इस पाठन के माध्यम से, छात्रो ने आयुर्वेद के सिद्धांतो और आचार्य चरक के आदर्शों को समझा और अपनाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर पोस्टर और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें सभी छात्रो ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया ।कार्यक्रम के अंत में विजेता प्रतिभागियों को प्रमाणपत्रो से सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम आयुर्वेद महाविद्यालय के संहिता एवं सिद्धांत विभाग द्वारा आयोजित किया गया।

इस अवसर पर आयुर्वेदा कॉलेज के डायरेक्टर अभिजीत तायडे मुख्य अतिथि रहे , अमलतास विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. शरदचन्द्र वानखेड़े, डीन डॉ. ए. के. पीठवा, प्रबन्धक डॉ. मनीष शर्मा , आयुर्वेदा कॉलेज की प्राचार्या डॉ. अनीता घोड़के, डॉ. अपर्णा , डॉ.चंद्रकांत , डॉ. प्रियंका माथुर , डॉ. अश्विन , श्री मांगीलाल और सभी महाविद्यालय के प्राचार्य एवं सभी छात्र छात्रांए उपस्थित थेअमलतास इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद कॉलेज के चैयरमेन श्री मयंकराज सिंह भदौरिया जी द्वारा बताया गया की कार्यक्रम ने महर्षि चरक के योगदान को याद करते हुए आयुर्वेद के क्षेत्र में उनके योगदान को और बढ़ावा दिया। हमारे कॉलेज का यह उद्देश्य है कि हम न केवल आयुर्वेदीक चिकित्सा के महत्व को समझें, बल्कि इसके वैज्ञानिक और समग्र दृष्टिकोण को भी फैलाएं। महर्षि चरक ने जो ज्ञान और विधि प्रस्तुत की, वह आज भी हमारे जीवन में प्रासंगिक है और इसके द्वारा हम स्वास्थ्य और कल्याण को बेहतर बना सकते हैं।


