
- 31 मई से 26 जून तक नशा मुक्त भारत के संकल्प के साथ प्रभात फेरी, रंगोली, योग और रैलियों का आयोजन
देवास। विश्व तंबाकू निषेध दिवस (31 मई) से लेकर अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस (26 जून) तक अमलतास नशा मुक्ति केंद्र द्वारा विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस एक माह के विशेष अभियान के तहत तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों के खिलाफ जनजागरण के कई रचनात्मक और प्रभावी प्रयास किए गए।

अभियान की शुरुआत 31 मई को अमलतास हॉस्पिटल परिसर में हुई, जहां विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाते हुए मरीजों, परिजनों और आम नागरिकों को नशे से होने वाले दुष्परिणामों की जानकारी दी गई। विभिन्न स्थानों पर पंपलेट वितरण कर नशा मुक्ति का संदेश दिया गया। इसके साथ ही, 100 मीटर के दायरे में गुटखा और तंबाकू की बिक्री पर रोक लगाने हेतु बैनर-पोस्टरों के माध्यम से प्रचार किया गया।

अभियान के अंतर्गत आयुर्वेदिक कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा प्रभात फेरी निकाली गई, जिसमें ‘नशा छोड़ो, जीवन से जुड़ो’ जैसे नारों के माध्यम से जागरूकता फैलाई गई। इसके अलावा रंगोली प्रतियोगिता, भजन कार्यक्रम, भाषण, चित्रकला, योग अभ्यास, वृक्षारोपण और रैलियों जैसे रचनात्मक आयोजनों के माध्यम से समाज में नशा मुक्ति का संदेश प्रसारित किया गया।
गुरुवार को आयुर्वेदिक कॉलेज, पैरामेडिकल कॉलेज होम्योपैथी, नर्सिंग कॉलेज आदि के छात्र-छात्राओं, स्टाफ ने नशा मुक्ति के खिलाफ जागरूकता अभियान में भाग लिया। नर्सिंग कॉलेज के छात्रों द्वारा नुक्कड़ नाटक कर जागरूक किया।

इस अवसर पर अमलतास विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. शरदचंद्र वानखेड़े, रजिस्टार श्री संजय रामबोले, मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. समीर देसाई, डॉ. आशुतोष भटेले, डॉ. भारती लाहौरिया, सभी महाविद्यालय के प्राचार्य ,छात्र एवं नशामुक्ति विभाग के सभी कर्मचारी उपस्थित थे ।
अमलतास अस्पताल के चैयरमेन श्री मयंक राज सिंह भदौरिया जी ने कहा कि नशा एक सामाजिक बुराई है, जिसे जड़ से खत्म करने के लिए जन सहयोग और सतत प्रयास आवश्यक हैं। अमलतास नशा मुक्ति केंद्र का यह अभियान नशा मुक्त भारत के निर्माण की दिशा में एक सार्थक पहल रहा।