
देवास। अमलतास इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी, अमलतास विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय फार्मेसी सप्ताह का भव्य आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य फार्मेसी पेशे की महत्ता और स्वास्थ्य सेवा में फार्मासिस्टों की महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति व्यापक जागरूकता बढ़ाना था। इस अवसर पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों और वार्ताओं ने छात्रों और शिक्षकों को प्रेरित किया।कार्यक्रम की शुरुआत में, संस्थान की प्राचार्या डॉ. नीलम खान ने सभी अतिथियों, शिक्षकों और छात्रों का हार्दिक स्वागत किया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि फार्मासिस्ट केवल दवाइयां प्रदान करने वाले पेशेवर नहीं हैं, बल्कि वे समाज के स्वास्थ्य की रीढ़ हैं। उन्होंने बताया कि इस सप्ताह के दौरान जागरूकता कार्यक्रम, प्रतियोगिताएं, प्रदर्शनियां और रैलियां आयोजित की जाएंगी।डॉ. महानंद ठाकुर, उपाध्यक्ष McW हेल्थ केयर प्राइवेट लिमिटेड, इंदौर, ने भावी फार्मासिस्टों को उद्योग में उनकी भूमिका और उज्जवल भविष्य के लिए मार्गदर्शन दिया। मुख्य वक्ता डॉ. नितीश जैन, प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, फार्माकोलॉजी, मॉडर्न इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंसेज, इंदौर ने फार्मेसी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की भूमिका पर एक प्रभावशाली प्रस्तुति दी, जिसने सभी को भविष्य के नवाचारों के प्रति प्रेरित किया।कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण क्षण अमलतास इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी और McW हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड, इंदौर के बीच सहयोग समझौते (MoU) पर हस्ताक्षर हुआ। यह समझौता छात्रों को उद्योग क्षेत्र में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करेगा और अकादमिक एवं पेशेवर जगत के बीच एक मजबूत सेतु का कार्य करेगा।इस अवसर पर, अमलतास विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. शरदचंद्र वानखेड़े और रजिस्ट्रार श्री संजय रामबोले ने फार्मेसी के सामाजिक और चिकित्सा क्षेत्र में योगदान पर अपने विचार साझा किए।कार्यक्रम में अन्य गणमान्य व्यक्तियों में डॉ. आस्था नागर, नर्सिंग प्राचार्य संगीता तिवारी, पेरामेडिकल प्राचार्या डॉ. अंजलि पंड्या और डॉ. स्नेहा सहाय भी उपस्थित थीं। कार्यक्रम का सफल संचालन प्रियंका सिंह ने किया।अमलतास ग्रुप के चेयरमैन, श्री मयंक राज सिंह भदौरिया ने अपने संदेश में कहा, “फार्मासिस्ट हमारे स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का इंजन हैं। उनका योगदान सिर्फ दवाएं देने तक सीमित नहीं है, बल्कि वे मरीजों को सही मार्गदर्शन और समर्थन भी देते हैं। हमारा उद्देश्य ऐसे कुशल फार्मासिस्ट तैयार करना है जो भविष्य की चुनौतियों का सामना कर सकें और समाज के स्वास्थ्य को बेहतर बना सकें।”