देवास। साइबर फ्रॉड और ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसे मामलों में देवास पुलिस द्वारा चलाये जा रहे सायबर जागरूकता अभियान का दिखा असर
• आवेदक की जागरुकता एवं पुलिस की सक्रियता से डिजिटल अरेस्ट संबंधी फ्रॉड होने से बचा
संक्षिप्त विवरणः– थाना टोंकखुर्द क्षेत्र अंतर्गत आवेदक पन्नालाल पिता देवी सिंह निवासी ग्राम भेसाखेड़ी के पास 8187945102 से कॉल आया और कॉल करने वाले ने खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया । व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर किसी लड़की से कथित बातचीत का बहाना बनाकर आवेदक को धमकाया । कॉलर ने 50,000/- रुपये की मांग की और गाली-गलौज कर दबाव बनाने की कोशिश की । आवेदक पन्ना लाल को इस संदिग्ध गतिविधि पर शंका हुई और उन्होंने तुरंत 100 डायल पर सूचना दी । देवास पुलिस कंट्रोल रूम ने त्वरित कार्यवाही करते हुए यह सूचना थाना प्रभारी टोंकखुर्द और साइबर सेल देवास को दी । पुलिस अधीक्षक देवास श्री पुनीत गेहलोद के निर्देशानुसार साइबर सेल और थाना प्रभारी टोंकखुर्द ने आवेदक पन्नालाल से संपर्क कर मामले की गंभीरता बताई एवं “डिजिटल अरेस्ट” जैसी किसी प्रक्रिया का कानून में प्रावधान नहीं है और किसी भी प्रकार की रकम न देने की सलाह दी गई । देवास पुलिस की सतर्कता और समय पर दी गई समझाइश से पन्नालाल एक बड़े साइबर फ्रॉड का शिकार होने से बच गए ।
देवास पुलिस आम नागरिकों से अपील करती है कि किसी भी संदिग्ध कॉल, मैसेज या डिजिटल धोखाधड़ी की सूचना तुरंत पुलिस को दें और सतर्क रहें ।